कुछ इंसानों की है ये फितरत पुरानी या है धोखा या है बेईमानी । कुछ इंसानों की है ये फितरत पुरानी या है धोखा या है बेईमानी ।
ठीक हो जाता दवाई के बिना पूछते वो हाल गर बीमार से। ठीक हो जाता दवाई के बिना पूछते वो हाल गर बीमार से।
तुम कहाँ खो गये ये नहीं है पता, पर मेरे यादों मे हो भूल नहीं सकता. तुम कहाँ खो गये ये नहीं है पता, पर मेरे यादों मे हो भूल नहीं सकता.
वो खिलेगा सोच के चुपके हँसता है दो फूल खिल रहे हैं आहिस्ते आहिस्ते...... वो खिलेगा सोच के चुपके हँसता है दो फूल खिल रहे हैं आहिस्ते आहिस्ते......
जिंदगी तुझे क्या मैं कहूं हाँ.. तुझसे थोड़ी खफा हूँ। जिंदगी तुझे क्या मैं कहूं हाँ.. तुझसे थोड़ी खफा हूँ।
जब बारिश की पानी मे हम भीगते थे तुम्हारी जुलफो से पानी मोती जैसे लगते थे! जब बारिश की पानी मे हम भीगते थे तुम्हारी जुलफो से पानी मोती जैसे लगते थे!